पहला प्यार, कहने को तो बस दो शब्द हैं, लेकिन इसके पीछे छुपी कहानी, जज़्बात और अधूरे ख्वाब किसी पूरी ज़िंदगी से कम नहीं होते। ये कहानी है आयुष और नैना की — एक छोटे शहर के दो दिलों की जो किस्मत को मात देने की ज़िद में बिछड़ गए थे।
Chapter 1: पहली नज़र में कुछ खास था
साल 2015, झारखंड के एक छोटे से शहर गिरिडीह की गर्मियों में स्कूल के आख़िरी दिन चल रहे थे। आयुष, एक सीधा-साधा लड़का, जो मैथ्स में टॉपर था, लेकिन दिल से थोड़ा फिसड्डी जब बात आती थी लड़कियों से बात करने की। वहीं नैना, क्लास की सबसे बेबाक और खुले दिल की लड़की। वो जब भी मुस्कुराती थी, आयुष का दिल ज़ोर से धड़कने लगता।
आयुष ने कभी अपने दिल की बात कहने की हिम्मत नहीं की। लेकिन नैना समझती थी। लड़कियों का छठा सेंस होता है ना — सब जानती हैं, बस इंतज़ार करती हैं कि लड़का पहल करे।
Chapter 2: पहला प्यार, पहली तक़रार
स्कूल खत्म हुआ, और कॉलेज की राहें जुदा हो गईं। आयुष ने रांची में इंजीनियरिंग पकड़ ली और नैना पटना चली गई जर्नलिज़्म करने। लेकिन WhatsApp और Facebook ने बातों का सिलसिला बनाए रखा। रोज़ की चैट्स, कॉल्स और "मिस यू" ने एक अलग ही रिश्ता बना दिया था।
एक दिन नैना ने कहा —
"आयुष, तुमसे कुछ कहना है..."
आयुष का दिल जोर से धड़कने लगा।
"मैं किसी और को पसंद करने लगी हूं।"
वो दिन आयुष के लिए किसी तूफ़ान से कम नहीं था। पहला प्यार टूट गया था। उसने किसी से कुछ नहीं कहा। बस किताबों में खुद को डुबा दिया।
Chapter 3: बिछड़ना भी एक रिश्ता होता है
वक़्त बीतता गया। कॉलेज खत्म हुआ। दोनों अपने-अपने करियर में लग गए। आयुष अब एक बड़ी IT कंपनी में जॉब कर रहा था और नैना एक न्यूज़ चैनल की रिपोर्टर बन चुकी थी। दोनों ने ज़िंदगी में बहुत कुछ हासिल किया, लेकिन दिल का एक कोना अब भी खाली था।
आयुष ने कोशिश की कई बार किसी और को चाहने की, लेकिन "वो" वाली फीलिंग कभी नहीं आई। नैना भी दिखने में खुश थी, लेकिन Instagram की तस्वीरें सब कुछ नहीं बतातीं।
Chapter 4: 6 साल बाद वो शाम
एक दिन आयुष ऑफिस से घर लौटते वक़्त रेलवे स्टेशन के पास एक किताबों की दुकान पर रुका। तभी किसी ने पीछे से आवाज़ दी —
"Excuse me, क्या ये किताब अच्छी है?"
वो मुड़ा तो सामने नैना खड़ी थी। वही मुस्कान, वही आंखें, और वही दिल धड़कने वाला एहसास।
"नैना?"
"आयुष?"
दोनों की आंखें नम हो गईं। किसी ने कुछ नहीं कहा। आसपास हज़ारों लोग थे, लेकिन उस पल सिर्फ वही दो थे।
Chapter 5: फिर से कुछ शुरू करने का मन है...
कॉफी पर दोनों ने दिल खोलकर बातें की। नैना अब सिंगल थी। उसका रिश्ता ज्यादा नहीं चला। और आयुष? वो तो कभी किसी और के पास गया ही नहीं।
नैना बोली —
"तुमने कभी किसी से प्यार नहीं किया?"
आयुष ने जवाब दिया —
"किया था... और अब भी करता हूं। बस सामने वाली को समझ आने में 6 साल लग गए।"
नैना की आंखों से आंसू टपक पड़े। वो जान गई थी, पहला प्यार कभी मरता नहीं है, वो बस सो जाता है... और सही वक़्त आने पर फिर से जाग उठता है।
Chapter 6: कहानी अधूरी नहीं रही
आज आयुष और नैना की शादी को 2 साल हो चुके हैं। वो कहते हैं ना —
"जो लोग वक़्त से नहीं डरते, वक़्त उनके लिए रुक जाता है।"
उनकी कहानी बहुतों के लिए बस एक लव स्टोरी है, लेकिन उनके लिए ये सफ़र था — पहले प्यार से बिछड़ने और फिर उसे पाने का।